नयी दिल्ली, 31 अक्टूबर (भाषा) भारत और चीन के सैनिकों ने बृहस्पतिवार को दिवाली के अवसर पर पूर्वी लद्दाख सहित वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) के पास कई सीमा बिंदुओं पर मिठाइयों का आदान-प्रदान किया।
पूर्वी लद्दाख में डेमचोक और देपसांग मैदानों में टकराव वाले दो स्थानों पर दोनों देशों द्वारा सैनिकों के पीछे हटने की प्रक्रिया पूरी करने के एक दिन बाद यह पारंपरिक परंपरा निभाई गई, जिससे चीन-भारत संबंधों में ताजा गर्माहट आई।सेना के एक सूत्र ने दिन में पहले 'पीटीआई-भाषा' को बताया, ''दिवाली के अवसर पर एलएसी के पास कई सीमाओं पर भारत और चीन के सैनिकों के बीच मिठाइयों का आदान-प्रदान हुआ।
सूत्रों ने बताया कि दोनों नेताओं के बीच आदान-प्रदान एलएसी पर सीमा कार्मिक बैठक (बीपीएम) के सभी बिंदुओं- अरुणाचल प्रदेश के बुम ला और वाचा/किबिथू, लद्दाख के चुशुल-मोल्दो और दौलत बेग ओल्डी तथा सिक्किम के नाथू ला समेत कई अन्य स्थानों पर हुआ.
उन्होंने बताया कि पूर्वी लद्दाख में कोंगक ला, केके दर्रा और हॉट स्प्रिंग्स में भी मिठाइयों का आदान-प्रदान हुआ।
भारत और चीन के सैनिक त्योहारों एवं अन्य महत्वपूर्ण अवसरों पर पूर्वी लद्दाख समेत वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर कई सीमा चौकियों पर पारंपरिक तरीके से मिठाइयों और शुभकामनाओं का आदान-प्रदान कर चुके हैं।
सेना के एक सूत्र ने बुधवार को कहा कि दोनों पक्षों के सैनिकों ने टकराव के दो बिंदुओं पर सैनिकों के पीछे हटने का काम पूरा कर लिया है और इन बिंदुओं पर गश्त जल्द ही शुरू होगी।
सूत्र ने तब कहा था कि डिसइंगेजमेंट के बाद सत्यापन प्रक्रिया प्रगति पर थी और ग्राउंड कमांडरों के बीच गश्त के तौर-तरीके तय किए जाने थे.
सेना के सूत्र ने कहा, "स्थानीय कमांडर स्तर पर बातचीत जारी रहेगी।
सेना के एक सूत्र ने बृहस्पतिवार को कहा कि गश्त अभी शुरू नहीं हुई है।
सूत्रों ने पहले कहा था कि क्षेत्रों और गश्त की स्थिति को अप्रैल 2020 से पहले के स्तर पर ले जाने की उम्मीद थी।
विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने 21 अक्टूबर को दिल्ली में कहा था कि पिछले कई हफ्तों से चली बातचीत के बाद भारत और चीन के बीच एक समझौते को अंतिम रूप दिया गया है और इससे 2020 में उत्पन्न हुए मुद्दों का समाधान होगा।
पूर्वी लद्दाख में एलएसी पर गश्त और सैनिकों के पीछे हटने पर समझौता हुआ, जो चार साल से अधिक समय से चल रहे गतिरोध को समाप्त करने में एक सफलता है।