अजय कुमार पांडे, संपादक एसएसएन- चरण जी बाल मजदूरी के बारे में प्रकाश डालें, क्या आपके व्यवसाय में नाबालिग बच्चों से काम कराया जाता है? चरण आहूजा: सही सवाल किया, देखिए क्योंकि आप पढ़े-लिखे पत्रकार हैं तो यूनाइटेड नेशन में बाल श्रम की जो परिभाषा है उसे पहले बता देता हूँ, उसके बाद भारतीय संदर्भ में भी समझाता हूँ, आप लिख लें और आगे सही समझ के लोगों को बताएं। .........संयुक्त राष्ट्र ने बाल श्रम को तीन श्रेणियों में बांटा है, पहली बच्चों को बाध्य करके काम कराना एवं सही मजदूरी न देना, दूसरी श्रेणी है 14 साल से कम आयु के बच्चों से काम कराना एवं उनके अधिकारों का पालन न करना, तीसरी श्रेणी में 14 से 18 साल के बच्चों से काम कराया जा सकता है लेकिन जो घातक उद्योग हैं उनमें नहीं। .....अजय कुमार पांडे- अरे भाई साहब भट्टे के संदर्भ में बताएं, कहानी नहीं।.....चरण आहूजा: हमारे उद्योग में बच्चा एक ईंट के साथ दिख जाए आप उसे बाल मजदूरी के श्रेणी में लाएंगे, चाइल्ड साइकोलॉजी पढ़े हैं तो ये जरूर जानते होंगे बच्चे अपनी युवा अवस्था में हर काम को समझने और करने में खुश होते हैं, पिता को देखा और चले गए कोठुल वश।हमारे सभी एसोसिएशन के सदस्य एक एक मजदूर के प्रति उतना सावधान नहीं रहते जितना उनके बच्चों के प्रति, और कोई उद्योग बता दें जिसमें मालिक परिवार के जैसे खाना, मजदूरी और मेडिकल सेवा बिना किसी कागज के देता हो, हमारा उद्योग देता है और सुन लें आकस्मिक मृत्यु के बाद अंत्येष्टि के लिए चेक नहीं हर वो मदद करता है जो उत्तरदायित्व के श्रेणी में नहीं आता।......अजय कुमार पांडे: आप भावुक हो गए, हमने तो वो सवाल किए जिनको लेकर स्थानीय पत्रकार और एनजीओ हमेशा आप सभी पर हमला वर रहते हैं, अन्यथा न लें।अच्छा प्रशासन से कोई परेशानी या उत्पीड़न जो ज्यादा तर बनी रहते हो, जो आप आज बता सकें हमारे माध्यम से सरकार के संबंधित विभाग को।.......चरण आहूजा: देखिए आप ही नहीं सभी विभाग जानते हैं जहाँ हमें परेशानी होती है, मैं बस इतना कहना चाहता हूँ, हम समाज के उस व्यवसाय से जुड़े हैं जो निर्माण से जुड़ा है, सभी अधिकारी गण सम्मान देकर निष्कर्ष पर पहुँचें, समय-समय पर एसोसिएशन से राय ली जाए, जिससे हमारे भट्टा संघ का हर सदस्य अपनी बात सही पटल पर रख सके, परिवहन, खनन . विभाग खास तौर पर।............कुछ और पहलू अगले अंक में