अयोध्या के मध्यस्थ, समाजसेवी आचार्य किशोर कुणाल का 74 वर्ष की आयु में निधन

 सेवानिवृत्त आईपीएस अधिकारी और बिहार राज्य धार्मिक न्यास बोर्ड (बीएसबीआरटी) के पूर्व प्रमुख आचार्य किशोर कुणाल का रविवार सुबह दिल का दौरा पड़ने से निधन हो गया। वह 74 वर्ष के थे।


1972 बैच के आईपीएस अधिकारी कुणाल महावीर मंदिर ट्रस्ट के संस्थापक सचिव भी थे, जो बिहार में कई अस्पतालों का संचालन करता है. उन्हें तड़के दिल का दौरा पड़ा जिसके बाद उन्हें अस्पताल ले जाया गया, जहां सुबह करीब आठ बजे उन्हें मृत घोषित कर दिया गया।उनके अंतिम क्षणों में उनके पुत्र सायन कुणाल और समस्तीपुर से लोजपा (रामविलास) से सांसद शांभवी चौधरी अस्पताल में मौजूद थे।बाद में उनका पार्थिव शरीर पटना के गुसाईं टोला स्थित उनके आवास पर लाया गया, जहां राज्य के मंत्रियों सहित बड़ी संख्या में लोग उन्हें श्रद्धांजलि देने के लिए एकत्र हुए। इनमें शाम्भवी के पिता और राज्य मंत्री अशोक चौधरी प्रमुख थे।


परिवार के अनुसार, कुणाल का अंतिम संस्कार सोमवार को दोपहर 2 बजे वैशाली जिले के हाजीपुर में उनके पैतृक गांव में होगा।बिहार के राज्यपाल राजेंद्र वी अर्लेकर ने प्रशासनिक और धार्मिक क्षेत्रों में कुणाल के कार्यों के माध्यम से समाज में उनके योगदान पर प्रकाश डालते हुए दुख व्यक्त किया। राज्यपाल ने एक बयान में कहा, ''उन्होंने मानव सेवा के साथ धर्म को जोड़कर समाज के लिए उल्लेखनीय कार्य किया।मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कुणाल की प्रशंसा करते हुए उन्हें कुशल और संवेदनशील प्रशासक बताया जिन्होंने सामाजिक और धार्मिक संगठनों में अथक काम किया।


वह विभिन्न सामाजिक और धार्मिक संगठनों से भी जुड़े रहे। उन्होंने महावीर मंदिर न्यास समिति के सचिव रहते हुए विभिन्न सामाजिक एवं धार्मिक कार्य कराए। उन्होंने बिहार राज्य धार्मिक न्यास बोर्ड के अध्यक्ष पद पर रहते हुए अपने कार्यों का सफलतापूर्वक प्रदर्शन किया।


उप मुख्यमंत्री सम्राट चौधरी ने महावीर मंदिर को राष्ट्रीय पहचान दिलाने और समाज के कमजोर वर्गों के उत्थान की दिशा में उनके कार्यों के लिए कुणाल के प्रयासों की सराहना की। उनके योगदान को शब्दों में बयां करना मुश्किल है। उनका निधन समाज के लिए अपूरणीय क्षति है। ईश्वर से प्रार्थना है कि दिवंगत आत्मा को शांति प्रदान करें और परिजनों को यह दुःख सहन करने की शक्ति दें।


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