भारतीय शेयर बाजार में बुधवार को खूनखराबा देखा गया, बीएसई सेंसेक्स चार महीने में सबसे निचले स्तर पर बंद हुआ। पिछले दो दिनों में बीएसई 30 1,805.2 अंक गिर गया, जो 2.27 प्रतिशत की गिरावट को दर्शाता है।
अक्टूबर में खुदरा मुद्रास्फीति के 14 महीने के उच्चतम स्तर 6.21 प्रतिशत पर पहुंचने और विदेशी निधियों की निकासी जारी रहने से बैंकिंग, वाहन और पूंजीगत सामान कंपनियों के शेयरों में भारी बिकवाली से सेंसेक्स और निफ्टी में बुधवार को एक प्रतिशत से अधिक की गिरावट दर्ज की गई।बंबई शेयर बाजार का 30 शेयरों वाला सेंसेक्स 984.23 अंक यानी 1.25 प्रतिशत गिरकर 77,690.95 अंक पर बंद हुआ। कारोबार के दौरान यह 1,141.88 अंक या 1.45 प्रतिशत की गिरावट के साथ 77,533.30 अंक पर आ गया।
नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का निफ्टी भी 324.40 अंक या 1.36 प्रतिशत के नुकसान से 23,559.05 अंक पर आ गया।
निवेशकों को 13 लाख करोड़ रुपये का नुकसान
बीएसई बेंचमार्क में उल्लेखनीय गिरावट देखी गई, जिससे इक्विटी निवेशकों को दो कारोबारी सत्रों में बाजार मूल्य में 13 लाख करोड़ रुपये का नुकसान हुआ।
बीएसई में सूचीबद्ध कंपनियों का कुल बाजार पूंजीकरण 13,07,898.47 करोड़ रुपये घटकर 4,29,46,189.52 करोड़ रुपये यानी 5.09 लाख करोड़ रुपये रह गया।सेंसेक्स 30 पैक में, महिंद्रा एंड महिंद्रा, टाटा स्टील, अडानी पोर्ट्स, जेएसडब्ल्यू स्टील, इंडसइंड बैंक, रिलायंस इंडस्ट्रीज, एचडीएफसी बैंक और कोटक महिंद्रा बैंक में बड़ी गिरावट देखी गई। लाभ में रहने वाले प्रमुख शेयरों में टाटा मोटर्स, एनटीपीसी, हिंदुस्तान यूनिलीवर, एशियन पेंट्स और इन्फोसिस शामिल हैं।कारोबारियों के अनुसार अमेरिकी और एशियाई बाजारों में नकारात्मक रुख के साथ एचडीएफसी बैंक और रिलायंस इंडस्ट्रीज जैसे प्रमुख शेयरों में बिकवाली दबाव के कारण तिमाही नतीजों में नरमी से बाजार धारणा प्रभावित हुई।जियोजीत फाइनेंशियल सर्विसेज के शोध प्रमुख विनोद नायर ने कहा, ''कंपनियों के कमजोर तिमाही नतीजों के बीच एफआईआई की लगातार बिकवाली तथा घरेलू मुद्रास्फीति बढ़कर 14 महीने के उच्च स्तर पर पहुंच जाने से निवेशकों की धारणा प्रभावित हुई है।
"निफ्टी ने मार्च 2023 के बाद से समय और कीमत दोनों के संदर्भ में अपना पहला महत्वपूर्ण सुधार अनुभव किया है. यह बिकवाली चीन के नए प्रोत्साहन पैकेज से शुरू हुई थी, जिसने एफआईआई प्रवाह को भारत से चीन की ओर मोड़ दिया है। स्वास्तिका इन्वेस्टमार्ट लिमिटेड के शोध प्रमुख संतोष मीणा ने कहा, 'इसके अलावा भारतीय कंपनियों खासकर उपभोग क्षेत्र के दूसरी तिमाही के अनुमान से कमजोर नतीजों से एफआईआई की बिकवाली और तेज हुई है, जिससे पिछले डेढ़ महीने में भारतीय इक्विटी से रिकॉर्ड निकासी हुई है।
