भारत-इंडोनेशिया ने रक्षा और व्यापार संबंधों को नई ऊंचाई देने का फैसला किया है। इसके साथ ही कई ऐसे फैसले लिए हैं, जो चीन की चिंता का कारण बन सकता है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शनिवार को इंडोनेशिया के राष्ट्रपति प्रबोवो सुबियांतो के साथ व्यापक वार्ता की। दोनों देशों ने इस दौरान समग्र द्विपक्षीय संबंधों को रक्षा विनिर्माण एवं आपूर्ति श्रृंखला के क्षेत्रों में गति तेज करने के लिए संयुक्त रूप से काम करने पर सहमति जतायी।बता दें कि सुबियांतो भारत की तीन दिवसीय यात्रा पर हैं। वह रविवार को कर्तव्य पथ पर आयोजित होने वाले गणतंत्र दिवस समारोह में मुख्य अतिथि होंगे। वार्ता के बाद मीडिया को अपने वक्तव्य में मोदी ने इंडोनेशिया को 10 देशों के आसियान समूह के साथ-साथ हिंद-प्रशांत क्षेत्र में भारत का “महत्वपूर्ण साझेदार” बताया और कहा कि दोनों देश इस क्षेत्र में नियम-आधारित व्यवस्था के लिए प्रतिबद्ध हैं।
चीन को दे दी टेंशन
भारत-इंडोनेशिया की दोस्ती ने चीन को भी टेंशन दे दी है। पीएम मोदी ने हिंद-प्रशांत क्षेत्र में चीन की बढ़ती सैन्य ताकत पर बढ़ती वैश्विक चिंताओं के बीच कहा, “हम इस बात पर सहमत हैं कि नौवहन की स्वतंत्रता अंतरराष्ट्रीय कानून के अनुरूप सुनिश्चित की जानी चाहिए।” प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘हमने अपने द्विपक्षीय संबंधों के विभिन्न पहलुओं पर व्यापक चर्चा की।’’ उन्होंने कहा कि भारत और इंडोनेशिया रक्षा विनिर्माण और आपूर्ति श्रृंखला पर संयुक्त रूप से काम करने पर सहमत हुए हैं। मोदी ने कहा कि भारत और इंडोनेशिया के बीच समुद्री सुरक्षा क्षेत्र में हुए समझौते से अपराध रोकथाम, खोज एवं बचाव तथा क्षमता निर्माण में सहयोग और मजबूत होगा। उन्होंने कहा कि दोनों पक्षों ने समग्र आर्थिक संबंधों को बढ़ावा देने के लिए व्यापार क्षेत्र में विविधता लाने और बाजार पहुंच की आवश्यकता पर चर्चा की।